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Supreme Court orders the eviction of 48,000 Jhuggis from railway safety zone in Delhi

भारत की सर्वोच्च अदालत सुप्रीम कोर्ट ने राजधानी दिल्ली में रेल पटरियों के आसपास गैर कानूनी तरीके से बनी झुग्गी झोपड़ियों के खिलाफ कड़ा आदेश दिया है सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया है कि कोई भी अदालत इन गैरकानूनी झुग्गियों को हटाने के मामले में कोई Stay Order ना दे

इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा है कि रेलवे लाइन के आसपास अवैध अतिक्रमण के बारे में यदि कोई अदालत अंतरिम आदेश जारी भी करती है तो वह निष्प्रभावी होगा देश की सर्वोच्च अदालत ने यह आदेश एम सी मेहता मामले में सुनाया है इस मामले में 1985 के बाद से दिल्ली और आसपास के Pollution से जुड़े मुद्दों पर समयसमय पर आदेश जारी होते रहते हैं प्रदूषण को लेकर हुई सुनवाई में रेलवे ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि दिल्ली एनसीआर में 140 किलोमीटर लंबी रेल लाइन के आसपास झुग्गी वालों का कब्जा है इसमें से 70 किलोमीटर रेल लाइन पर यह समस्या बहुत गंभीर है एक मोटा अनुमान है कि इन जगहों पर रेलवे की जमीन पर 48000 झुग्गियां हैं

रेलवे ने अदालत को बताया नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने अक्टूबर 2018 में आदेश दिया था जिसके तहत रेलवे की जमीन पर अवैध कब्जे को हटाने के लिए स्पेशल टास्क फोर्स का गठन किया गया था लेकिन राजनीतिक दखलंदाजी के चलते राजधानी दिल्ली में रेलवे लाइन के आसपास का अवैध कब्जा हटाया नहीं जा सका रेलवे ने अदालत को यह भी बताया की गैरकानूनी कब्जा रेलवे के सुरक्षा जोन में है जो कि बहुत ही चिंताजनक है

सुप्रीम कोर्ट ने इस मसले पर अपने आदेश में कहा है की रेलवे की जमीन पर झुग्गी झोपड़ियों को हटाने के लिए चरणबद्ध तरीके से काम किया जाए और सबसे पहले रेलवे सुरक्षा Zone से अतिक्रमण हटाया जाए जिसको कि 3 महीने के अंदर पूरा किया जाए

देश की सर्वोच्च अदालत ने कहा है कि हर हालत में रेल लाइन के आसपास के अवैध कब्जे को हटाने के काम में किसी भी तरह के राजनीतिक दबाव और दखलअंदाजी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा

 

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