Railways suspends goods trains in Punjab, Demands security from state Govt
The Railways has once again stopped goods trains in Punjab, saying protesting farmers are still blocking them even as farm bodies announced to ease their “rail roko” agitation. Farmer bodies in Punjab had decided to ease their “rail roko” agitation against the Centre’s farm laws on October 21, allowing the movement of goods trains, three weeks after they blocked the rail tracks for an indefinite period.
पंजाब में किसान आंदोलन के चलते भारतीय रेलवे पर बुरा असर पड़ रहा है यहां से चलने वाली सभी माल गाड़ियां पूरी तरीके से बंद है तो वही पैसेंजर गाड़ियों का तो अता पता ही नहीं है किसान रेल पटरियों पर बैठे हैं रेलवे स्टेशनों पर उन्होंने कब्जा कर रखा है और वहां पर भाषणबाजी चल रही है, इस वजह से पंजाब होकर हिमाचल जम्मू कश्मीर जाने वाली पैसेंजर ट्रेनें पूरी तरीके से कैंसिल है पंजाब की ट्रेनें तो वैसे ही रद्द है
भारतीय रेलवे ने बीच में कोशिश की और किसान समिति के आश्वासन के बाद 22 अक्टूबर को माल गाड़ियों को एक बार फिर से महीने भर के बाद चलाना शुरू किया लेकिन माल गाड़ियों की आवाजाही बमुश्किल तीन-चार दिन ही चल पाई किसानों के विरोध की वजह से 26 अक्टूबर यानी सोमवार से भारतीय रेलवे ने माल गाड़ियों की आवाजाही रोक दी
इस दौरान पंजाब के किसानों ने 5 नवंबर को रेल रोको आंदोलन की घोषणा कर दी है इन सबके बीच आंदोलन की गर्मी को देखते हुए भारतीय रेलवे ने माल गाड़ियां चलाने से हाथ खींच लिया है
रेल मंत्रालय के एक आला अफसर के मुताबिक पिछले तीन-चार दिनों तक माल गाड़ी चलाने के दौरान देखा गया दर्जनों जगहों पर आंदोलनकारी किसान रेल पटरियों पर बैठे हुए हैं ऐसे में ट्रेन चलाना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है
भारतीय रेलवे का कहना है कि जब तक पंजाब सरकार रेलगाड़ियों की सुरक्षा की गारंटी नहीं देती है तब तक पैसेंजर गाड़ियां तो दूर की बात माल गाड़ियां भी नहीं चलाई जा सकती
पंजाब के एक बड़े इलाके में किसान पटरियों पर बैठे हुए हैं चाहे तलवंडी हो या फिर फिरोजपुर या फिर अमृतसर के इलाके या फिर मोगा हर जगह पर किसानों ने कब्जा कर रखा है ऐसे में अगर माल गाड़ियां चलाई भी जाती हैं तो कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है
रेलवे के लोको पायलटों से जब किसान आंदोलन के बारे में बात की गई तो उन्होंने कहा की ट्रेन चलाना बहुत जिम्मेदारी का काम है अगर लोग पटरी पर बैठे हुए हैं तो यह काफी खतरनाक है और इस स्थिति में हम लोग कैसे ट्रेन चलाएंगे
दरअसल पंजाब में 24 सितंबर से किसान आंदोलन के चलते रेलवे की आवाजाही पूरी तरीके से ठप है ऐसी स्थिति में पेट्रोलियम प्रोडक्ट कोल सप्लाई खाद्यान्न सप्लाई जैसी तमाम गतिविधियां पूरी तरीके से रुक गई हैं ऐसे में जहां एक तरफ पावर सप्लाई ठप हो जाने का खतरा बढ़ गया है तो वहीं दूसरी तरफ राशन के लिए खाद्यान्न की सप्लाई पर बुरा असर पड़ने की आशंका गहरा गई है इन स्थितियों में राज्य सरकार की तरफ से कोशिश की जा रही है की माल गाड़ियां चलने लगे लेकिन मौजूदा हालात में ऐसा संभव होता हुआ दिख नहीं रहा
दरअसल किसान समिति के साथ बातचीत होने के बाद भारतीय रेलवे को भाई 23 अक्टूबर को पटरियों से धरना हटाने का आश्वासन मिला था पंजाब पुलिस के आश्वासन के बाद रेलवे ने माल गाड़ियां चलाने की हामी भर दी थी लेकिन 23 अक्टूबर के बाद जगह जगह पर आंदोलनकारियों ने पटरियों से हटने से इंकार कर दिया कई जगहों पर माल गाड़ियों को रोक लिया गया ऐसी स्थिति में माल गाड़ियों के गार्ड और ड्राइवरों ने ट्रेन चलाने से इंकार कर दिया
विपरीत परिस्थितियों में भारतीय रेलवे ने पंजाब सरकार से साफ-साफ कह दिया है कि वह पैसेंजर ट्रेनों और माल गाड़ियों की सुरक्षा की गारंटी दें और ट्रेनों की आवाजाही के लिए पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम करें इन सबके बीच किसानों ने 5 नवंबर को रेल रोको आंदोलन का भी आवाहन किया है जिसको देखते हुए रेलवे की चिंता बढ़ गई है
किसान आंदोलन के चलते नई दिल्ली से कटरा के लिए चलने जा रही वंदे भारत एक्सप्रेस अभी तक नहीं चल पाई है इसी तरह से तमाम ट्रेनें जो जम्मू जाती हैं चल ही नहीं पाई हैं पंजाब जाने वाली सभी ट्रेनें कैंसिल हैं रेलवे के मुताबिक तकरीबन एक हजार माल गाड़ियां प्रभावित हुई है किसान आंदोलन के चलते 200 माल गाड़ियां पंजाब में फंसी हुई हैं
इस स्थिति में भारतीय रेलवे के हाथ पांव फूल गए हैं रेलवे के पास अपनी आरपीएफ होती है जिसके पास रेलवे की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ कार्यवाही करने का अधिकार होता है लेकिन मौजूदा स्थिति में आरपीएफ को भी समझ में नहीं आ रहा है कि वह क्या करें